Monday 3 July 2017

Krishna Kathayein - Tales of Shri Krishna Part-5

3 की न 4 की चालीसा अलौकिक चमत्कार है यशोदा जी आश्चर्यचकित रह गई गोपाल ने देखा क्या मेरी मां का शरीर पसीने से लतपथ हो गया है मैं थक गई है कृपा करके स्वयं बंद करें भगवान श्रीकृष्ण इतने कोमल हृदय हैं कि अपने भक्तों के प्रेम को पुष्ट करने वाला थोड़ा भी परिश्रम छाया नहीं कर सकते और भक्त को परिश्रम से मुक्त करने के लिए स्वयं ही बंधन स्वीकार कर लेते हैं भक्त कार्यक्रम और कृपा की कमी यही दो अंगुली की दूरी है जब भक्त यह सोचता है कि मैं अपने परिश्रम से भगवान को मांग लूंगा तब वह भगवान से एक अंगुल दूर हो जाता है और भगवान अपनी कृपा को समेटकर उससे एक अंगुल और दूर हो जाते हैं जब मां ने देखा तो गोपाल बंद कर नहीं नहीं जा सकते फिर घर के काम धंधों में लग गई ओखल में बंधे हुए गोपाल ने उन दोनों अर्जुन वृक्षों को शांति देने पहले यक्षराज कुबेर के पुत्र थे इनके नाम थे नलकुबेर और मणि गरीब इनके पास धन ऐश्वर्य और सौंदर्य की कोई कमी नहीं थी इनका घमंड देख कर ही देव ऋषि नारद ने इन्हें श्राप दिया था और वह वृक्ष हो गए थे भगवान श्री कृष्ण ने सोचा यह दोनों मेरे प्रिय भक्त कुबेर के पुत्र हैं इन्हें वृक्ष योनि से मुक्त करना चाहिए इसीलिए श्रीकृष्ण ने धीरे धीरे धीरे चल खिसकाते हुए दोनों वृक्षों के बीच बढ़ा दिया दामोदर भगवान गोपाल की कमर में रस्सी कसी हुई थी उन्होंने ऊखल को यूंही तनिक जोर से खींचा क्यों ही वृक्षों की जड़े हिल गई दोनों Facebook बड़े जोर से तड़ तड़ आते हुए पृथ्वी पर गिर पड़े उन दोनों से अग्नि के सामान चाहिए तेजस्वी पुरुष निकले उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के चरणों में प्रणाम किया और हाथ जोड़कर उनकी स्तुति करने लगे भगवान श्री कृष्ण ने कहा तुम लोग श्रीमद् से अंधे हो रहे थे देव श्री नारद ने जान देकर भी तुम्हारा कल्याण ही किया था इसीलिए नलकुबेर और मणि गरीब तुम लोग अब अपने घर जाओ तुम्हें माया मोह से छुड़ाने वाली मेरी भक्ति प्राप्त होगी यहां पर कुछ पढ़ने वाला हूं नहीं कुछ संस्कृत में बोलने वाला हो मैं तो वही भाषा में बात करुंगा दोस्तों कि जो हम सभी समझ सकते हैं क्योंकि मुझ में छोड़ा हमें कोई फर्क नहीं है मैं कोई संत महात्मा नहीं हूं ना ही कोई गुरु नहीं कोई टीचर नहीं कोई प्रोफेसर मुझ में और आप में कोई फर्क नहीं दोस्तो बस दो अच्छी बातें कहीं से मैंने जानी है जो आज मैं आपके साथ यहां पर शेयर करने वाला हूं और यह जो हमारा प्रोग्राम है जो 4 दिन का है ग्राम है उसका सबसे पहला पाठ है दोस्तों लाइफ ऑफ कृष्ण है यानि की कृष्ण भगवान जिंदगी से आज हमें यहां पर काफी कुछ जानना है दूसरा है कृष्ण एंड महाभारत यानि की कृष्ण का रोल महाभारत में किस तरह से रहा था वह हमें जानना है अल्टीमेटली दोस्तों जो लास्ट पार्ट अपना होता है वही भागवत गीता अध्याय 3 पाठ में अपना प्रोग्राम डिवाइडेड है और आज हम शुरुआत करेंगे दोस्तो लाइफ ऑफ कृष्ण के द्वारा वाइफ दोस्त कहां है सबसे पहले तो मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में एक बहुत ही ब्यूटीफुल रिसर्च हुआ था और वो रिश्ते चाहिए था कि जितने भी संत महात्मा या भगवान इस संसार में आ चुके उन सभी ने कैसे-कैसे पावर जूते उसने पाया जा कर जैसे एक नॉर्मल इंसान हम सभी ऐसा कहा जाता है कि वह लाइफ के थर्ड लेवल पर जी रहे हैं तीसरे लेवल पर अब आप कहेंगे थर्ड लेवल मतलब क्या है बहुत ही सिंपल हे दोस्तों हम एक शब्द समझते हैं इवोल्यूशन क्रांति उसमें सबसे पहले लेवल पर हे पेड़ पौधे दूसरे लेवल पर हे जानवर तीसरे लेवल पर हम इंसान हैं वह अब आप समझ पा रहे हैं ठीक है तो दोस्तों ऐसा कहा गया कि स्वामी विवेकानंद किचन का नाम तो हम सभी लोग जानते हैं दोस्तों उनके लिए कहा गया कि वह लाइफ के छठे लेवल पर ही रहते शिक्षण यानी कि दोस्त एक नॉर्मल इंसान से कई गुना पावरफुल वाइट उसी के साथ जैसे मैं आपको कहूं के दोस्तों आप चाहो तो भगवान का नाम सुना है यह गौतम बुद्ध हम कहते हैं


उनके लिए कहा गया कि बोला इसके लेवल पर जी रहे हैं और इसी तरह से 11 संत महात्माओं के भगवान अपने देश में यह दुनिया में हो चुके हैं वह सभी कहां है हमारी काकी यूनिवर्सिटी में सर्च किए थे उसने यह भी बताया गया कि जैसे जीसस है राम भगवान है वह लाइफ के ट्वेल्थ लेवल पर थे जितना लेवल ज्यादा उतना पावर ज्यादा जितना पावर ज्यादा अच्छा है वह चीजों को कर पाएंगे एक नॉर्मल इंसान नहीं कर पाता जिसे हम चमत्कार कहते हैं और उसी वजह से हम उन्हें भगवान का दर्जा देते हैं वाइट एंड माय डियर फ्रेंड से कह रही थी कि सबसे ज्यादा अगर किसी ने लेवल पाया हो इस संसार में आने के बाद एक इंसान का जन्म देने की बात तो हर कोई नहीं थी लेकिन थे वासुदेव कृष्ण माय डियर फ्रेंड्स के जिन्होंने 16 वहां पर बताया गया है लेकिन आप कहेंगे किशोर क्या हम वॉइस सर्च को डिलीट कर सकते हैं हम लुट ली कर सकते हैं बस मजे की बात यह है दोस्तों के अगर यह अमेरिका में रिसर्च हुआ है तो वह चाहते तो सच बता रहा हूं उसको रख सकते थे लेकिन उन्होंने कृष्ण को सबसे टॉप पर रखा तो उसी से हमें पता चलता है कि नहीं यार कुछ तो है यार कुछ तो हुआ है अलग-अलग तो जब आप इस बात बात को सुनकर खुश हो जाते कि वह वहां व्यास अमेरिका की यूनिवर्सिटी में कृष्ण के ऊपर रिसर्च रहा है वैसे तो मैं आपको यह बता दो कि अमेरिका की 10 मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी पहली 10 10 बेस्ट जो है उसमें से 5 यूनिवर्सिटी रहती है जहां पर कृष्ण के बारे में रिसर्च होता है और कृष्ण के बारे में पढ़ाया जाता है रिंगटोन कृष्णा शुक्ला साफी लेकिन एक्चुअली खुश होने की बात नहीं है यह दुखी होने की बात है दोस्त हो इसलिए होने की बात है क्योंकि अमेरिका की यूनिवर्सिटी में रिसर्च हो रहा है व्हाट अबाउट इंडिया अमीषा वापस आए वैज्ञानिक एजुकेशन क्या कर रहे चुके अगर वह नहीं समझ पाए तो इतने सालों के बाद आज जब हम सभी लोग यहां पर इकट्ठा हुए हैं उनके बारे में जानने के लिए यह समझने के लिए तो सबसे पहले तो हमें अपनी लेवल को उठाना पड़ेगा और तभी जाकर उन्हें समझना हमारे लिए मुमकिन होगा क्योंकि हर एक महत्वपूर्ण इंसान जब उस समय से पहले आए हैं तो लोग जो दूसरे हैं कभी-कभी हम उतना जैसे कि छोटा सा एग्जांपल दोस्तों क्या रहा हूं कहो कि जब राम भगवान और कृष्ण भगवान के जितने भी भगवान हो चुके है वह संसार में थे तब उनका उतना महत्व नहीं था जितना आज जब वह थे तब उनके मंदिर नहीं थे रिकॉर्डिंग डिसफंक्शन टॉकिंग व्हाट राइट जैसे कि मैं आपको कहूं कि कितने भी संत महात्मा कि जिन के साथ भी ऐसा हुआ जब वह जी रहे थे तो उसने फॉलो वर्ष नहीं थे लेकिन जब उन्होंने शरीर बना रहा हूं या फिर उनके बड़े बड़े आश्रम बने उनके मंदिर बने और क्या कुछ नहीं बन और उनकी कितने सारे फॉलोवर्स बढ़ गए क्योंकि जब इंसान समय से पहले आया है लोग उसे कुछ समझ नहीं समझ पाते हैं डॉक्टर्स बियर ट्राय टू अंडरस्टैंड फॉर्म कृष्ण प्रेम वेराइटी दोस्तों समथिंग बोर्ड एंड आर्टिस्ट कृष्ण गोस्वामी इन कंपैरिजन की कोई छू नहीं सकते किस कंपलेक्स इनोसेंट डार्क मैटर चुनाव कृष्ण का कलेक्शन करके निकाला नहीं था कि वह बिलीवर्स ब्लैक कलर हल्का नीला रंग का था दोस्तों मैं आपको कहूं कि जैसे आपने काफी सरे फोटोग्राफ समय देखा होगा या मूर्तियों


में देखा होगा कि उनको नीले रंग के बताए जाते हैं बॉलीवुड स्टार्स कभी आपने कोई फोटोग्राफ जैसे हमारे सामने अभी जो चल रहा हूं पनीर और मैं भी उनको नीले रंग के बताए गए हैं तो ओरिजिनल सिटी बहुत हकीकत यह था कि वह बिलीवर्स ब्लैक कलर के मतलब की है और हल्का सर नॉर्मल इंसान से होती है लेकिन ठीक है अब मजेदार बाते दोस्तों के शरीर को उसके पीछे एक मैसेज है और वह मैसेज इतना सुंदर है कि जिस तरह से दोस्तों आसमान नीले रंग का होता है और आसमान जो है अनंत है अनलिमिटेड उसी तरह से माय डियर फ्रेंड्स उनका रंग भी मिला था जो आसमान रंग उसी तरह से वह भी अनंत है यह अनलिमिटेड समथिंग मोर माय डियर फ्रेंड्स एंड आर्टिस्ट अरिजीत के जैसे मैंने कहा विश्व लाइट हल्का हल्का हल्का सक्ला तो आपने कभी सागर को देखा है फिर तो आपने देखा होगा दोस्तों की सावरकर रंग हल्का सा होता है क्योंकि आसमान के रिफ्लेक्शन की वजह से पानी का रंग नीला नजर आता है और एक मजेदार बात सागर को अगर आप गहराई में जाकर देखेंगे अंदर जाकर तो आपको हल्का सा काला नजर आएगा क्योंकि क्योंकि जितना हो गहरा हो जाएगा उतना उसका रंग काला हो जाता है सीधी और सिंपल बहराइच न्यूज़ ब्लैक कलर सागर का है उसी तरह श्री कृष्ण के लिए हमें यह समझना है और वह सागर की तरह चेहरे पर आसमान की तरह वह अनंत थे टेक्स्ट मैसेज बिहाइंड का नोट कलर विजन मॉडिफाइडर किए यह बालक देवकुमार जैसा था उसे शिशु के दांत तथा बड़े नुकीले थे कंधे सिंह के समान थे दोनों हाथों में चक्र का चिह्न था तथा सिर बड़ा और ललाट हो जाता मित्र मनोहर हल्की लुभावनी थी तथा मुख्य मंडल प र पूर 32606 वर्ष की अवस्था होते होते वह बालक अद्भुत से अद्भुत कार्य करने लगा कभी तो वह बंद करते हैं वह आधी हिंसक पशुओं को पकड़ लाता तथा कुछ को पेड़ से बांध देता था कभी किसी के ऊपर चढ़ कर दूसरे को डांटता था तो कभी उनके साथ खेलता और दौड़ लगाता है उनके बच्चे भी इसके लिए मिट्टी के खिलौनों की तरह के उनको बगल में दबाए हुए घूमता फिरता रहता था जिन हिंसक पशुओं को देखकर बड़े बड़ों को पति क्या हो यह नन्हा सा बालक भेड़ बकरी की तरह घुमाया फिराया करता था इतना ही नहीं आश्रम में राक्षस पिशाचों को भी पास जाने पर उन्हें बिना अस्त्र-शस्त्र के मुख्य से ही मार-मारकर भगत विशाल से विशाल व्यक्ति भी इस बालक का सामना ना कर पाते थे एक दिन एक महाबलशाली तत्य उस बालक के पास आया वह अन्य व्यक्तियों की दुर्दशा को देखकर अत्यंत क्रोध से भरा था छोटा सा बालक देख कर उसने इसे अपने हाथों में दर्द बेचना चाहा किंतु इसके पहले ही उसकी नियत समझकर उस बालक ने बड़ी फुर्ती के साथ उसे पकड़ लिया अब क्या था दोनों एक दूसरे को मार डालने की चेष्टा में लग गए बालक ने अपनी बाहों में उसे इतनी दृढ़तापूर्वक जकड़ रखा था कि अपनी पूरी शक्ति लगा कर भी वह दैत्य निकलना पाया अंत में निकलने का कोई चारा न देख कर वह दैत्य सुरूर जोर से चिल्लाकर उसे डराने-धमकाने लगा चलाता था उतना ही वह बालक उसे ज़ोर से दबाता था धीरे-धीरे भयंकर भगत के मल मूत्र करने लगा दुष्यंत कुमार ने बिना किसी अस्त्र-शस्त्र के ही उसे खेल ही खेल में हमार गिराया इस अद्भुत कार्य को देखकर सभी


आश्रमवासी उसके बल की प्रशंसा करने लगे तथा उसका नाम सर्वदमन कर दिया क्योंकि वह सब जीवो का दमन कर देता था आगे चलकर यही सर्वदमन भरत के नाम से प्रसिद्ध हुआ और इसी के नाम से इस भूखंड का नाम भारत हुआ कंफर्म मगध नरेश जरासंध तथा अनेक बलशाली राजाओं का सहयोग प्राप्त था उनकी मदद से वह यदुवंशियों का नाश करने लगा यदुवंशी कंस के अत्याचार से भयभीत होकर दूसरे देशों में जाकर बसने लगे उसने एक एक करके देवकी के छह पुत्रों की अंत में साथ में गर्भ के रूप में भगवान श्री श्री देवकी के गर्भ में है भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी योग माया को आदेश दिया कि तुम किस समय देवकी के गर्भ में स्थित देश जी को रोहिणी के गर्भ में स्थापित कर दो मैं संपूर्ण कलाओं के साथ देवकी का पुत्र बनूंगा और तुम नंद गोपाल की पत्नी यशोदा के गर्भ से जन्म लेना भगवान के आदेश से जोगमाया ने वैसा ही किया कुछ दिनों बाद देवकी के शरीर की कांति से बंधी ग्रहण जगमगाने लगा यह देखकर कंस ने सोचा कि इस बार अवश्य ही इसके गर्भ में मेरे प्राणों के ग्राहक विष्णु ने प्रवेश किया है परंतु एक तो यह स्त्री है दूसरे मेरी बहन है और तीसरे गर्भवती है इस को मारने से मेरी कीर्ति नष्ट हो जाएगी इसलिए मैं इस का वध नहीं करूंगा तब इतना अधिक दुष्ट था कि वह देवकी को आसानी से मार सकता था पर इस समय क्या उसने स्वयं की क्रूरता का विचार छोड़ दिया अब वह विष्णु के प्रति व्यवस्था कर उनके जन्म की प्रतीक्षा करने लगा आखिर प्रतिष्ठा का समय समाप्त हुआ भगवान के अवतार की शुभ घड़ी आ गई रोहिणी का पावना नक्षत्रशाला आकाश के सभी नक्षत्र तारे शांत और सौम्य हो गए निर्मल आकाश में तारे जगमगाते रहे थे पृथ्वी की छटा निराली हो गई आज बहुत दिनों बाद पृथ्वी के स्वामी भगवान उनका बार हरण करने के लिए अवतार ले रहे थे इसीलिए वह पलक पावडे बिछा कर तथा हृदय खोलकर प्रभु के दर्शन के लिए छाया हो गई जिस समय भगवान के अवतार का अवसर आया स्वर्ग में देवताओं की दुम दूधिया अपने आप पर उठाया किन्नर और गंधर्व मधुर स्वर में गाने लगे अप्सराएं नृत्य करने लगी बड़े-बड़े देवता आनंद से भर कर पुष्पों की वर्षा करने लगे जल से भरे हुए बादल गर्जना करने लगे भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की घूर अंधेरी आधी रात को तीनों में हमें भगवान श्री कृष्ण देवकी के गर्भ से प्रकट हुए वसुदेव जी ने देखा उनके सामने एक अद्भुत पालक है उसके नेत्र कमल के समान कोमल और विशाल है वह 

No comments:

Post a Comment

Kauwa Aur Sone Ka Haar - कोआ और सोने का हार

जब एक बार कोयल बच्चों को जन्म दे रही होती है इसलिए वह कोए को बाहर भेज देती है. फिर थोड़ी देर बाद में कोए को अंदर बुलाती है. अंदर आते ही वह ...